Mobile Logo Settings

Mobile Logo Settings

देशनोक में विशेष पूजा अर्चना कर मनाया नव वर्ष, 100 साल में पहली बार बना दाल का हलवा

India-1stNews




बीकानेर@ नए साल के आगमन पर राजस्थान के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें देवालयों के बाहर नजर आई। राजस्थान के प्रसिद्ध मंदिर खाटूश्यामजी, जीणमाता, जयपुर के आराध्य देव गोविन्द देवजी, बीकानेर की देशनोक स्थित करणी माता मंदिर आदि में नववर्ष पर श्रद्धालु आशीर्वाद लेने पहुंचे।

वहीं इस अवसर पर देशनोक स्थित करणी माता मंदिर में सावन भादो कढ़ाई महाप्रसादी का आयोजन किया गया। नववर्ष के स्वागत में माता के दरबार में 17500 किलो दाल का हलवा बनाया गया। जिसका प्रसाद माता के भक्तों को नए साल के पहले दिन वितरित किया गया। प्रसादी ग्रहण करने के लिए पूरे प्रदेश से श्रद्धालु यहां पहुंचे। इससे पहले मां करणी की विशेष पूजा अर्चना की गई। महाप्रसादी का आयोजन करणी बाग पैलेस के महंत डॉ. करणी प्रताप सिंह के परिवार की ओर से करवाया गया है।

महाप्रसाद में पहली बार दाल का हलवा
श्रीकरणी मंदिर निजी प्रन्यास के अध्यक्ष बादलसिंह चारण ने बताया कि पूर्व महाराजा गंगासिंह के जीवन काल में सावन भादो का प्रसाद अक़्सर होता था। पहले ज्यादातर महाप्रसाद में लापसी बनाई जाती थी। इसके बाद हअुवा व बूंदी और अब दाल का हलवा पहली बार बनाया गया है।

महाप्रसाद में यह लगी सामग्री
इस महाप्रसाद को बनाने में 300 टिन घी, 3500 किलो दाल, 4800 किलो मावा, 4000 किलो चीनी, साढे तीन किलो केसर व 200 किलो बादाम पिस्ता और अन्य सामान का उपयोग किया गया। विश्व प्रसिद्ध करणी मंदिर में देशनोक में प्रथम बार लग रहे इस महाप्रसादी में 200 से अधिक कार्यकर्ता दो दिन से मंदिर में डटे हुए हैं।

सबसे बड़ी महाप्रसादी का दावा
आयोजकों ने सबसे बड़ी महाप्रसादी का दावा किया है। उन्होंने कहा कि महाप्रसादी को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल करने का प्रयास किया जाएगा। इंटरनेशनल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड टीम को भी महाप्रसादी में बुलाया गया है।

Post a Comment

0 Comments