कोर्ट ने राजासर भाटियान सरपंच को अयोग्य घोषित किया: 1995 के पहले 4 संतान थी, दस्तावेजों में 1995 से पहले 6 संतान बताकर लड़ा चुनाव
बीकानेर। 5 साल पहले 1995 के बाद जन्मे दो बच्चों को 1995 से पहले जन्म लेना बताकर चुनाव लड़कर सरपंच चुने गए पूगल पंचायत समिति के राजासर भाटियान सरपंच हड़मान सिंह को कोर्ट ने अयोग्य घोषित कर दिया हैं। यह आदेश वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश चंद्रशेखर पारीक ने परिवादीया रिशाल कंवर की ओर से लगाई गई चुनाव याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश ने जिला निर्वाचन अधिकारी बीकानेर को आदेश दिया है कि 27 नवंबर 1995 के बाद दो या उससे अधिक बच्चे होने पर निर्वाचित उम्मीदवार हड़मान सिंह की पात्रता को रद्द कर दिया गया हैं। साथ ही वर्तमान सरपंच को रिक्त कर उसके आदेश की कॉपी तत्काल जिला कलेक्टर को भेजने के आदेश दिए हैं।
सरपंचाई गई: न्यायालय ने जिला निर्वाचन अधिकारी को निर्वाचन को रद्द करने के आदेश दिए
ऐसे किया फर्जीवाड़ा: चार बेटे-दो बेटियां थी, जिनका जन्म 27 नवंबर 1995 से पहले हो चुका था मगर हड़मान सिंह ने सरपंच का चुनाव लड़ने के लिए 6 में से दो संतानों को 1995 से पहले जन्मा बताकर चुनाव लड़ा। इस प्रकार हड़मान सिंह ने चुनाव लडने के लिए गलत तरीके से दस्तावेज तैयार कर दिए।
इनके छह संतान कालू, जेठू, उस्मान,पिंकी, पुष्पा व महेंद्र थे। इनमें से दो संतानों उस्मान और पिंकी का जन्म 27 नवंबर 1995 के बाद का था, लेकिन नामांकन के दौरान दिए गए दस्तावेजों में छह संतानों का जन्म 27 नवंबर 1995 के पहले का बताकर चुनाव लड़कर सरपंच बना।
चुनाव के बाद लगा दी थी याचिका, पांच साल बाद फैसला
यह चुनाव याचिका 27 अक्टूबर 2020 में लगाई थी। करीब 5 साल बाद 30 जनवरी को न्यायालय ने इस पर सुनवाई करते हुए सरपंच को अयोग्य माना है। परिवादियां की और से पैरवी युवा अधिवक्ता आनंद बजाज ने की।
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