बीकानेर जिले के लूणकरणसर में रविवार को पेट दर्द की शिकायत पर परिजन महिला को लेकर प्राइवेट क्लिनिक गए। क्लिनिक में नर्सिंगकर्मी ने जैसे ही इंजेक्शन लगाया, महिला बेहोश हो गई।
नर्सिंगकर्मी ने कहा कि इंजेक्शन के कारण नींद आएगी। होश नहीं आने पर परिजन सरकारी हॉस्पिटल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया।
इसके बाद परिजन शव लेने से इनकार करते हुए सरकारी हॉस्पिटल में मॉर्च्युरी के बाहर धरने पर बैठ गए। हंगामे की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। कलेक्टर नम्रता वृष्णि को भी पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। प्रशासन ने क्लिनिक को सीज कर दिया गया है।
सीएमएचओ पुखराज साध ने मामले में जांच का आदेश दिया है। जांच के लिए बीकानेर दवा भंडार के प्रभारी डॉ. नवल गुप्ता की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। इसमें डॉ. रमेश कुमार गुप्ता और डॉ. विभय तंवर कमेटी के मेंबर हैं।
इंजेक्शन लगने के बाद बेहोश हो गई थी महिला
मृतका के देवर किशन नाथ (किसान) ने बताया- लूणकरणसर के वार्ड संख्या 11 में रहने वाली उसकी भाभी तुलछी देवी पत्नी रतननाथ के पेट में दर्द हुआ था। रविवार सुबह करीब 9 बजे निजी क्लिनिक पर दिखाने गए। वहां मौजूद नर्सिंगकर्मी मनीराम ने भाभी को इंजेक्शन लगाया। कुछ देर बाद वह बेहोश हो गईं।
परिजनों ने नर्सिंगकर्मी से पूछा तो वह बोला- दो घंटे तक नींद आएगी। होश नहीं आने पर तुलछी देवी को सरकारी हॉस्पिटल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
परिजन ने सरकारी अस्पताल के सीनियर नर्सिंग ऑफिसर हनुमान कस्वां की लापरवाही बताई। परिजन का कहना है कि क्लिनिक हनुमान कस्वां का है। क्लिनिक पर हनुमान के बेटे नर्सिंगकर्मी मनीराम ने इंजेक्शन लगाया था।
हालांकि मनीराम राजस्थान नर्सिंग काउंसिल से सर्टिफाइड है। जिस क्लिनिक में इंजेक्शन लगाने से महिला की मौत हुई, वह सरकारी हॉस्पिटल से महज 300 मीटर की दूरी पर है।
परिजनों की ये हैं मांग
- सरकारी अस्पताल में काम करने वाले नर्सिंग कर्मचारी हनुमान कस्वां को निलंबित किया जाए।
- हनुमान कस्वां के निजी क्लिनिक को सीज किया जाए।
- मृतका के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
- सरकार से आर्थिक पैकेज दिलाया जाए।
- लूणकणसर में अवैध झोलाछाप डॉक्टर्स और अवैध दुकानों पर कार्रवाई की जाए।
0 Comments