Mobile Logo Settings

Mobile Logo Settings

बीकानेर: नाबालिग लड़की को आरोपी के साथ होटल में रखने वाले पुलिसकर्मियों पर अब सख्ती, हाइकोर्ट ने एसपी से मांगा जवाब

India-1stNews




जोधपुर हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की और उसे भगाने के आरोपी युवक को बरामद कर होटल में एक साथ रखने और डराने-धमकाने के मामले में पुलिसकर्मियों पर सख्ती बरतते हुए एसपी से जवाब मांगा है। मामले में आगामी तारीख पेशी चार अप्रैल रखी गई है। एसपी को हलफनामे और मामले की पूरे रिकॉर्ड के साथ स्वयं उपस्थित होने के लिए कहा गया है।

पिछले साल देशनोक पुलिस थाने में 16 साल की नाबालिग लड़की को भगा ले जाने का मामला दर्ज हुआ था। देशनोक पुलिस थाने के कांस्टेबल गोपालराम, सचिन और सुमन स्वामी ने दोनों को अयोध्या से बरामद किया। आरोप है कि पुलिसकर्मी दोनों को लेकर 9 अक्टूबर, 24 को नोखा पहुंचे और वहां एक होटल में रुके। युवक-युवती को एक साथ एक ही कमरे में रखा। युवती को डरा-धमकाकर युवक के पक्ष में बयान देने पर दबाव डाला। अगले दिन दोनों को देशनोक ले जाया गया। बाद में परिजनों की रिपोर्ट पर 27 नवंबर, 24 को देशनोक थाना एसएचओ, युवक सुनील पूनिया व तीनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। परिजनों ने इस मामले में जोधपुर हाईकोर्ट में रिट दायर की थी। हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए इस मामले में एसपी कावेन्द्रसिंह सागर से जवाब मांगा है और हैरानी भी जताई है कि एक ही मामले की दो अलग-अलग एफआईआर कैसे दर्ज की गई। हाईकोर्ट ने तीन सवाल भी पूछे

1. किंन परिस्थितियों में पुलिसकर्मी देशनोक थाना पहुंचने से पहले एक होटल में रुके। वे न केवल रातभर, बल्कि 20 घंटे से ज्यादा समय तक वहां क्यों रुके?

2. पुलिसकर्मियों ने अयोध्या से नोखा तक लगभग 1100 किमी तक की यात्रा की और फिर लगभग एक दिन बाद देशनोक पहुंचे। एसएचओ और पुलिसकर्मियों के खिलाफ क्या कार्यवाही शुरू की गई है? यह देखते हुए कि एसएचओ के निर्देश या अनुमति बिना पुलिसकर्मी 30-40 किमी से पहले नहीं रुकते। 

3. क्या इन दोनों मामलों को अलग-अलग चलाया जाना चाहिए या एकीकृत?

Post a Comment

0 Comments