बीकानेर@ आज से शुरू होने जा रहे क्रिकेट के महाकुंभ आईपीएल सीजन के साथ ही क्रिकेट सट्टा जगत में रौनक परवान चढऩी शुरू हो गई है। क्रिकेट सट्टेबाजी का हॅब बने बीकानेर में सटोरियों ने इस सीजन में करोड़ों की सौदेबाजी के लिये महफूज जगहों पर अपने ठिकाने बना लिये है।
बदलते समय के साथ सटोरियों ने भी सट्टे का तरीका बदल दिया है, अब यह पूरा खेल ऑनलाइन होता है। मीटिंग एप की तरह चल रहे सट्टे के एप का लिंक भेजा जाता है। इसी से बुकी पंटरों को आइडी देता है। इस पर 25-30 सटोरिए लॉगिन कर एक साथ दांव लगाते हैं। लॉगिन तभी खुलती है जब डिजिटल माध्यम से एक निश्चित रकम का भुगतान कर दिया जाता है।
इधर,पुलिस ने भी क्रिकेट सटोरियों शिकंजा कसने के लिए अपने टेक्नीकल सर्विलांस सिस्टम को एक्टिव कर दिया है। जानकारी में रहे कि क्रिकेट सट्टा जगत में बीकानेर का नाम एशिया के टॉप टेन सट्टा केन्द्रो में शामिल है। यहां कई बड़े बुकी सक्रिय हैं,जिनके तार क्रिकेट सट्टेबाजी के अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़े हुए है। इन बुकियों ने गली-गली में अपने गुर्गे और ग्राहकों का जाल बिछाया हुआ है। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) आते ही इनकी दिवाली शुरू हो जाती है। पुख्ता खबर है कि सटोरियों ने पुलिस से बचने के लिए अपने सुरक्षित ठिकाने, ग्राहक और गुर्गे सभी सेट कर लिए हैं । सूत्रों ने बताया है कि इस बार के आइपीएल सीजन में क्रिकेट सट्टेबाजी की बड़ी बुक शहर के मॉर्डन मार्केट स्थित नामी होटल में शुरू करने की तैयारी है।
आइपीएल के साथ शुरू होता कारोबार
आइपीएल के साथ ही शहर में बड़े पैमाने पर सट्टे का कारोबार शुरू हो जाता है। पुलिस धरपकड़ शुरू करती है तो सटोरिये अपना ठिकाना बदल देते हैं। आउटिंग के बहाने बाहर जाकर होटल आदि में रुककर सट्टा चलाते हैं। सट्टेबाजी में भाव देने वाले को बुकी और दांव लगाने वाले को पंटर कहा जाता है। सट्टेबाजी की भाषा में खाने और लगाने के भी अलग-अलग अर्थ होते हैं। इन्हीं दोनों शब्दों से करोड़ों के वारे-न्यारे किए जाते हैं। मजबूर टीम पर रुपये लगाने पर लगाया और कमजोर टीम के दांव खाने को खाना कहते हैं।
हर तरफ सट्टा है
बीकानेर में सटोरियों का नेटवर्क इतना मजबूत हो चुका है की लगभग हर मोहल्ले में एक-दो सटोरिये काम कर रहे हैं, बल्कि नए सटोरिये भी तैयार कर रहे हैं। सट्टे खेलने और खिलाने के साथ ही क्रिकेट सट्टे के लिए भारी भरकम ब्याज पर राशि भी दी जा रही है। ब्याज बढ़ने पर कई बार लोग तनाव में आकर आत्महत्या भी करते रहे हैं।
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