बीकानेर। बीकानेर शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. गौरव गोंबर सहित तीन चिकित्सकों के खिलाफ बीकानेर सदर पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है। यह मुकदमा रानी बाजार निवासी जगदीशचंद्र खत्री पुत्र रमेश चंद्र ने दर्ज करवाया है। जिसमें मारवाड. हॉस्पिटल बीकानेर में बाल रोग विशेष डॉ. गौरव गोंबर, जयपुर स्थित हॉप हॉस्पिटल दुर्गापुरा जयपुर के गुर्दा रोग विशेष डॉ. अंकित मंगला व डॉ. प्रियंका मित्तल के खिलाफ दर्ज कराया है। इन पर आरोप है कि इन्होंने बच्ची के ईलाज में गंभीर लापरवाही बरती, जिसके कारण बच्ची हैजल खत्री की मौत हो गई। डॉ. गौरव गोंबर ने ईलाज में लापरवाही बतरने के साथ-साथ पैसों के लालच में जयपुर रैफर कर दिया वो भी गलत डॉक्टर्स के पास। साथ ही डॉ. गोंबर पर जांच कमेंटी के सामने सही तथ्य छुपाकर गलत तथ्य पेश करने का भी आरोप है।
परिवादी बताया कि सभी डॉक्टरों की घोर लापरवाही के कारण मेरी पुत्री की मृत्यु हुई है। परिवादी बताया कि मैंने एक प्रार्थना पत्र मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी बीकानेर को आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्यवाही करने हेतु प्रस्तुत किया था। मेरे उक्त प्रार्थना पत्र पर मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी बीकानेर ने अपने आदेश क्रमांक 11628 दिनांक 07.02.2025 के द्वारा एक जांच कमेटी का गठन किया था, उक्त जांच कमेटी में डॉ. रमेश कुमार गुप्ता एंव डॉ. मुकेश जनागल शामिल थे।
परिवादी बताया कि जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी बीकानेर को प्रस्तुत की, जिसमें यह तथ्य आया की हैजल खत्री दिनांक 03.09.2024 को उच्चस्तरीय ईलाज हेतु डीएमएसए तथा मैकग की जांच करवाने हेतु कहा तथा बच्चों के किडनी रोग विशेषज्ञ से सम्पर्क करने की सलाह दी लेकिन जांच रिपोर्ट में यह तथ्य आया है कि डॉ. गौरव गोम्बर ने सही तथ्य छिपाकर जांच कमेटी के समक्ष गलत तथ्य प्रस्तुत किये है। सही तथ्य यह ही है कि डॉ. गौरव गोम्बर द्वारा हैजल खत्री को डॉ. अंकित मंगला को दिखाने की सलाह दी गई थी। जो कि नेफ्रोलॉजिस्ट है जो कि बच्चों की किडनी रोग विशेषज्ञ नहीं है और डॉ गौरव गोम्बर द्वारा हैजल खत्री को ईलाज के लिये हॉप हॉस्पिटल जयपुर रैफर किया था। उपरोक्त सभी तथ्य गौरव गोम्बर ने जांच कमेटी के समक्ष झूठे बयान किये है। इससे भी बची हैजल खत्री के ईलाज में डॉ गौरव गोम्बर की गंभीर लापरवाही दर्शाती है।
परिवादी बताया कि 14.09.2024 को डॉ गोरव गोम्बर द्वारा हैजल खत्री को पेशाब में संक्रमण होने के कारण भर्ती किया गया था तथा 14.09.2024 से 19.09.2024 तक ईलाज किया गया था और दिनांक 08.11.2024 को डॉ गोरव गोम्बर द्वारा 5 दिन तक लगातार हैजल खत्री को एंटीबायोटिक दी गई हैजल खत्री दिनांक 03.09.2024 को उ स्तरीय ईलाज हेतु DMSA तथा MCUG की जांच करवाने हेतु कहा तथा बच्चों के किडनी रोग विशेषज्ञ से सम्पर्क करने की सलाह दी लेकिन जांच रिपोर्ट में यह तथ्य आया है कि डॉ. गौरव गोम्बर ने सही तथ्य छिपाकर जांच कमेटी के समक्ष गलत तथ्य प्रस्तुत किये है। सही तथ्य यह ही है कि डॉ. गौरव गोम्बर द्वारा हैजल खत्री को डॉ. अंकित मंगला को दिखाने की सलाह दी गई थी। जो कि नेफ्रोलॉजिस्ट है जो कि बज्ञों की किडनी रोग विशेषज्ञ नहीं है और डॉ गौरव गोम्बर द्वारा हैजल खत्री को ईलाज के लिये हॉप हॉस्पिटल जयपुर रैफर किया था। उपरोक्त सभी तस्य गौरव गोम्बर ने जांच कमेटी के समक्ष झूठे बयान किये है। इससे भी बची हैजल खत्री के इलाज में कॉ सौरव गोम्बर की गंभीर लापरवाही दर्शाती है।
परिवादी बताया कि 14.09.2024 को डॉ गोरव गोम्बर द्वारा हैजल खत्री को पेशाब में संक्रमण होने के कारण भर्ती किया गया था तथा 14.09.2024 में 19.09.2024 तक ईलाज किया गया था और दिनांक 08.11.2024 को डॉ गोरव गोम्बर द्वारा 5 दिन तक लगातार हैजत बची को एंटीबायोटिक दी गई और हैजल खत्री के स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर डॉ. गोरव गोम्बर द्वारा दिनांक 13.11.2024 को जयपुर रैफर कर दिया गया था जबकि डॉ. गोरव गोम्बर को यह भलीभांति जानकारी थी कि हैजन खत्री की सर्जरी पीडियाट्रिक यूरो सर्जन द्वारा हॉप हॉस्पिटल में इसकी सर्जरी की गई है, तो इसके बावजूद भी डॉ. गोरव गोम्बर ने विना किसी उचित कारण के हैजल खत्री को अपनी हॉस्पिटल में रखा। जहां पीडियाट्रिक पूरो सर्जन व बच्चों के लिये अलग से नर्सरी आईसीयू रूम की व्यवस्था नहीं है. इसके बावजूद भी डॉ. गोरख गोम्बर ने हैजल खत्री को समय पर जयपुर रैफर नहीं किया। डॉ. गोरव गोम्बर को यह भलीभांति जानकारी थी कि यह पोस्ट ऑपरेटिव कॉम्प्लीकेशन हो सकता है और हैजल के शरीर में सूजन भी आ गई। इसके लिये डॉ, गोरव गोम्बर को समय पर हैजल खत्री को रैफर करना था लेकिन हैजल खत्री को डॉ गोरख गोम्बर द्वारा समय पर उच्चस्तरीय ईलाज हेतु रैफर नहीं किया जाना भी उसके ईलाज में लापरवाही बरतने की श्रेणी में आता है।
परिवादी बताया कि हैजल खत्री की मृत्यु ऑपरेशन के बाद हुवे कॉम्प्लीकेशन के कारण हुई है। ऑपरेशन के बाद हैजल खत्री के क्रिएटेनीन तथा मूरिया बढ़ गई थी, अगर डॉ. गोरव गोम्बर द्वारा समय पर हैजल खत्री को उच्चस्तरीय ईलाज हेतु रैफर कर दिया जाता और समय पर हैजल खत्री का ऑपरेशन हो जाता तो हैजल खत्री की मृत्यु नहीं होती। उक्त तथ्य से भी डॉ गोरव गोम्बर की लापरवाही है। परिवादी बताया कि क्लीनिकल इस्टेबलिसमेंट एक्ट के तहत डॉ. गोरव गोम्बर को हैजल खत्री को ईलाज हेतु नजदीक के अस्पताल रैफर किया जाना था. लेकिन डॉ. गोरव गोम्बर ने हैजल खत्री को सम्भाग के सबसे बड़े चिकित्सालय पी.बी. एम. हेतु रैफर ना किया जाकर हॉप हॉस्पिटल जयपुर रैफर किया गया। इससे भी डॉ. गौरव गोम्बर की हैजल खत्री के ईलाज में लापरवाही दर्शाती है। परिवादी बताया कि उपरोक्त सभी तथ्यों से स्पष्ट है कि बेबी हैजल खत्री की मृत्यु डॉ. गोरव गोम्बर, डॉ अंकित मंगला व डॉ प्रियंका मित्तल की ईलाज के दौरान की गई लापरवाही से हुई है। परिवादी की रिपोर्ट पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच एएसआई अशोक अदलान को सौंपी है।
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